Tuesday, April 27, 2010

आखिर क्यों ?

दुनिया भाग दौड़ में मशगूल है, किसी को इतनी भी फुरसत नहीं की वो ठहर कर ये सोचे की हम भाग क्यों रहे हैं ? इस सवाल का जवाब शायद आप में से किसी के पास हो ....
भाग भाग भाग, भागने की लगी है आग
न मालूम है सब कुछ फिर भी लोग रहे हैं भाग
ठहराव का सुकून हम गये हैं भूल
और नींद भरी आँखों को कह रहे तू और जाग
भाग भाग भाग, भागने की लगी है आग

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